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मैं थोड़ा तुझमें रहती हूँ, तू थोड़ा मुझमें रहता है

मैं थोड़ा तुझमें रहती हूँ, तू थोड़ा मुझमें रहता है,
पूजा में रखे चंदन सा, तू मन मंदिर में महकता है।

तू दरिया से खामोशी ले, हौले- हौले से बढ़ता है,
मैं दूर किनारे पर बैठी, तेरे साथ मेरा मन चलता है।

इन ओस की बूँदों का आना, धरती पर ऐसा लगता है,
जैसे चाँद की आँखों से आँसू, मेरे आँचल में गिरता है।

आकाश ये नीला तारों सँग, तेरी आँखों में आ बैठा है,
मैं चाँद से शिकवा करती हूँ, क्यूँ  मुझसे रूठा बैठा है।

मैं भीड़ में तन्हा बैठी हूँ, या तन्हाई का मेला है,
बस इतना बता तेरे दिल में अब, कौन सा कोना मेरा है।

लेकर कश्ती सागर में अब, तुझे साथ में लेकर उतरूँ क्या,
जन्मों का बन्धन बाँध लिया, तू कौन मेरा अब कह दूँ  क्या।।

🍁🍁🍁

©Neel
  जन्मों का बन्धन 🍁
archanasingh1688

Neel

Silver Star
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जन्मों का बन्धन 🍁 #शायरी

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