ज़िन्दगी बीत रही करके पल पल, हर पल बदल रहा मेरा मन l यू लगता अब जाने हर पल, हो रहा मेरा नया जन्म l भुल रहा हूँ मैं वो पल, जो सोचे थे मैने कल l भटक गया हूँ राह से क्योंकि, दुनिया बोली मेरे पीछे चल l पुनित इरादे थे मेरे, पर वक्त ने ढूँढा एैसा हल l जिसकी सोच सुरज के जैसी , सागर को सुखाने की क्षमता थी l , आज हिस्सा बून्द के जैसा बना है वो सागर का जल मेरी ताकत vs दुनिया की ताकत