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गलवान का बलवान कौन है भारतीय सेना ने बता दिया, उधे

गलवान का बलवान कौन है भारतीय सेना ने बता दिया,
उधेड़कर चीनी सेना को हमारी सेना ने भगा दिया,
वो हमारे सैनिको से कील लगे डंडों से लड़ने आये थे,
40-50 चीनी सैनिको को मारकर हमारी सेना ने अपना इरादा जता दिया।
गर्दन तोड़ी, हड्डी तोड़ी, पसली तोड़ी, तोड़ा उनका गुरूर है,
गलवान को कब्जाना चाहते थे, सपना किया उनका चकनाचूर है,
हमारी सीमा में घुसने की कोशिश की, पीछे खदेड़ने को उनको किया मजबूर है,
पीओके की बात होगी तो अक्साई चीन की बात भी होगी,
अक्साई चीन नहीं अब दूर है।
20-20 के अन्दाज में भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को मारा है,
भारत माता की जय बोलकर बजरंगबली की जय बोलकर पसलियाँ तोड़कर मारा है, दोस्त से दोस्ती दुश्मन से दुश्मनी यही नारा हमारा है,
सिर्फ गलवान, पैगांग ही नहीं अक्साई चीन भी हमारा है।
अब इस पिटाई को वो सालों तक याद करेंगे,
ऐसा हमला करने को वो सपनों में भी डरेंगे,
भारतीय सैनिकों की इस बहादुरी का गुणगान किया जायेगा,
बिहार रेजीमेंट के जवानों का नाम इतिहास में दर्ज किया जायेगा।
कितना मजबूत हुआ भारत आज यह मालूम पड़ा है,
दुनिया का हर शक्तिशाली देश भारत के साथ खड़ा है,
गद्दार तो पहले भी सेना पर उंगली उठाते थे,
अब भी उंगली उठा रहे हैं,
पर हर भारतवासी सेना के साथ मजबूती से खड़ा है।
62 में भले ही भारत हारा था, पर 67 में चीन में हमसे हारा था,
तब भी हमारे निहत्थे सैनिकों ने इनको ऐसे ही मारा था,
अगर यह 62 का चीन नहीं तो यह 62 का हिन्दुस्तान भी नहीं है,
क्यों छिपाते हो अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा,
 लगता है तुमको उनपर बिल्कुल भी अभियान नहीं है।
भले हमसे हथियारों में आगे हो, 
पर अपने सैनिकों में हिम्मत कहाँ से लाओगे ,
 कीड़े मकोड़े खाने वालों खून तो तुम्हारे अन्दर भी है,
 पर उस खून में उबाल कहाँ से लाओगे,
पिटे हो इस बार हमसे अच्छे से, 
मुँह कब तक छिपाओगे,
भारत से लड़ने के लिये के अब नापाक और नेपाल को अपने साथ मिलाओगे।
युद्ध की बात मत करो,
भारत का हजारों वर्षों का युद्ध का इतिहास रहा है,
अपनी सेना पर शुरू से ही हमें विश्वास रहा है,
जब तुमने युद्ध शब्द सुना भी नहीं था,
भारत हजारों वर्षों पहले ही महाभारत कर चुका है,
गलवान में ऐसा पीटा है, इस बार ड्रैगन डर चुका है, ड्रैगन डर चुका है।

- नीरज कुमार

©PustakRatna गलवान का बलवान कौन है भारतीय सेना ने बता दिया,
उधेड़कर चीनी सेना को हमारी सेना ने भगा दिया,
वो हमारे सैनिको से कील लगे डंडों से लड़ने आये थे,
40-50 चीनी सैनिको को मारकर हमारी सेना ने अपना इरादा जता दिया।
गर्दन तोड़ी, हड्डी तोड़ी, पसली तोड़ी, तोड़ा उनका गुरूर है,
गलवान को कब्जाना चाहते थे, सपना किया उनका चकनाचूर है,
हमारी सीमा में घुसने की कोशिश की, पीछे खदेड़ने को उनको किया मजबूर है,
पीओके की बात होगी तो अक्साई चीन की बात भी होगी,
गलवान का बलवान कौन है भारतीय सेना ने बता दिया,
उधेड़कर चीनी सेना को हमारी सेना ने भगा दिया,
वो हमारे सैनिको से कील लगे डंडों से लड़ने आये थे,
40-50 चीनी सैनिको को मारकर हमारी सेना ने अपना इरादा जता दिया।
गर्दन तोड़ी, हड्डी तोड़ी, पसली तोड़ी, तोड़ा उनका गुरूर है,
गलवान को कब्जाना चाहते थे, सपना किया उनका चकनाचूर है,
हमारी सीमा में घुसने की कोशिश की, पीछे खदेड़ने को उनको किया मजबूर है,
पीओके की बात होगी तो अक्साई चीन की बात भी होगी,
अक्साई चीन नहीं अब दूर है।
20-20 के अन्दाज में भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को मारा है,
भारत माता की जय बोलकर बजरंगबली की जय बोलकर पसलियाँ तोड़कर मारा है, दोस्त से दोस्ती दुश्मन से दुश्मनी यही नारा हमारा है,
सिर्फ गलवान, पैगांग ही नहीं अक्साई चीन भी हमारा है।
अब इस पिटाई को वो सालों तक याद करेंगे,
ऐसा हमला करने को वो सपनों में भी डरेंगे,
भारतीय सैनिकों की इस बहादुरी का गुणगान किया जायेगा,
बिहार रेजीमेंट के जवानों का नाम इतिहास में दर्ज किया जायेगा।
कितना मजबूत हुआ भारत आज यह मालूम पड़ा है,
दुनिया का हर शक्तिशाली देश भारत के साथ खड़ा है,
गद्दार तो पहले भी सेना पर उंगली उठाते थे,
अब भी उंगली उठा रहे हैं,
पर हर भारतवासी सेना के साथ मजबूती से खड़ा है।
62 में भले ही भारत हारा था, पर 67 में चीन में हमसे हारा था,
तब भी हमारे निहत्थे सैनिकों ने इनको ऐसे ही मारा था,
अगर यह 62 का चीन नहीं तो यह 62 का हिन्दुस्तान भी नहीं है,
क्यों छिपाते हो अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा,
 लगता है तुमको उनपर बिल्कुल भी अभियान नहीं है।
भले हमसे हथियारों में आगे हो, 
पर अपने सैनिकों में हिम्मत कहाँ से लाओगे ,
 कीड़े मकोड़े खाने वालों खून तो तुम्हारे अन्दर भी है,
 पर उस खून में उबाल कहाँ से लाओगे,
पिटे हो इस बार हमसे अच्छे से, 
मुँह कब तक छिपाओगे,
भारत से लड़ने के लिये के अब नापाक और नेपाल को अपने साथ मिलाओगे।
युद्ध की बात मत करो,
भारत का हजारों वर्षों का युद्ध का इतिहास रहा है,
अपनी सेना पर शुरू से ही हमें विश्वास रहा है,
जब तुमने युद्ध शब्द सुना भी नहीं था,
भारत हजारों वर्षों पहले ही महाभारत कर चुका है,
गलवान में ऐसा पीटा है, इस बार ड्रैगन डर चुका है, ड्रैगन डर चुका है।

- नीरज कुमार

©PustakRatna गलवान का बलवान कौन है भारतीय सेना ने बता दिया,
उधेड़कर चीनी सेना को हमारी सेना ने भगा दिया,
वो हमारे सैनिको से कील लगे डंडों से लड़ने आये थे,
40-50 चीनी सैनिको को मारकर हमारी सेना ने अपना इरादा जता दिया।
गर्दन तोड़ी, हड्डी तोड़ी, पसली तोड़ी, तोड़ा उनका गुरूर है,
गलवान को कब्जाना चाहते थे, सपना किया उनका चकनाचूर है,
हमारी सीमा में घुसने की कोशिश की, पीछे खदेड़ने को उनको किया मजबूर है,
पीओके की बात होगी तो अक्साई चीन की बात भी होगी,
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