खर्च किए चंद सिक्को के लिए मुझे मेरी औकात बताने लग गए,,
घुटने लगा दम मेरा तुम्हारे साथ तो प्यार का दर्द बताने लग गए।।
जब नहीं था बस में तो हाथ थामा क्यों था,,,
अब नहीं होता रोज रोज का बर्दाश्त तुम्हारा नाटक
कह कर मुझे सिरदर्द बताने लग गए।।
मेरा दर्द औरत की किस्मत,
खुद को लगी खरोच तो मुझे हमदर्द बताने लग गए।।
पहले प्यार बड़ा आता था मुझपर,,, #कविता