मेरा पत्र मेरे नाम और आप सभी के नाम पूजा के माध्यम से Yq परिवार के सभी मेरे प्रिय, और श्रीमान कुलभूषण जी.. सबके लिए आज एक साथ कुछ कहने को मन है। मैंने जीवन में इतना कुछ पाया है कि कुछ खोने का डर मुझे सताता ही नहीं और ये मात्र एक लाइन ही मेरे जीवन का मंत्र है।। *उतना ही उपकार समझ कोई जितना साथ निभा दे* ये समझ आते आते ज़िंदगी ने 30 साल खर्च किए, लोगों का आना जाना देखा। किसी के जाने की पीड़ा मेंदुखी होना, किसी के आने से उत्साहित होना मानव स्वभाव है, तो मैं भी साधारण सा भावनाओं से भरा भावुक मन का पुलिंदा हूं। खैर मुझे कहना कुछ और है....