Nojoto: Largest Storytelling Platform

हर तरफ यूं पसरा है धुआं , जैसे वक्त के मुट्ठी से


हर तरफ यूं पसरा है धुआं ,
जैसे वक्त के मुट्ठी से बिखरा है धुआं 
सीने में जमी सर्द आग है ,
सांसों में जैसे ठहरा है धुआं 
करवट लूं तो छिलता है बदन ,
दर्द का बादल गहरा है धुआं 
उजालों की अब मुलाकात नहीं होती ,
 मेरे हर चराग़ का पहरा है धुआं
जी करता है नजर भर देखूं उसे ,
आंखों में मगर चुभता है धुआं 
मैं गुलिस्तान का परिंदा था मगर ,
चमन में मेरे अब रहता है धुआं
ये चांद पे छाई बदरी कारी है ,
या रात का नया चेहरा है धुआं 
~ सुगंध
 #sugandh_ankahi #midnightpoems  #shayri #yqdidi  #pain  #raat

हर तरफ यूं पसरा है धुआं ,
जैसे वक्त के मुट्ठी से बिखरा है धुआं 
सीने में जमी सर्द आग है ,
सांसों में जैसे ठहरा है धुआं 
करवट लूं तो छिलता है बदन ,
दर्द का बादल गहरा है धुआं 
उजालों की अब मुलाकात नहीं होती ,
 मेरे हर चराग़ का पहरा है धुआं
जी करता है नजर भर देखूं उसे ,
आंखों में मगर चुभता है धुआं 
मैं गुलिस्तान का परिंदा था मगर ,
चमन में मेरे अब रहता है धुआं
ये चांद पे छाई बदरी कारी है ,
या रात का नया चेहरा है धुआं 
~ सुगंध
 #sugandh_ankahi #midnightpoems  #shayri #yqdidi  #pain  #raat