तेरे बगैर तन्हा अजब-सा हशर हो रहा है बड़ी मुश्किल से ज़िन्दगी का बसर हो रहा है गर वो पूछे मेरा हाल तो ये कहना ए - हमदर्द फ़क़त तुम्हारी यादों से उसका गुज़र हो रहा है आज फिर देखकर नब्ज़ ये कह दिया तबीब ने हर एक नुस्ख़ा उस पर तो बे-असर हो रहा है और ये भी कहा कि उसके मर्ज़ कि है वही दवा जो मर्ज़ ख़ुद अब उसके लिए ज़हर हो रहा है ये उसकी दीवानगी है या इन्तिहां है मोहब्बत की कि आज भी तुम्हारा इंतजार शाम ओ सहर हो रहा है Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: