चोट आशिकी की दिल पर सह ना सके हम, सूरत दिल में कोई जो एक बसी थी हंसी!! ज़ख्म यारो कितने हैं अभी भी बाकी, दवा की कोई मगर अब जरुरत नहीं!! कहना था बस कह दिया ~~~ निशान्त ~~~ surat dil mein