हर दरवाजे की चौखट पर बंजारा बनके तलाश ए जिंदगी करते रहे,, कभी दूसरों को समझाते रहे कभी खुद को समझते रहे,, दरबदर भटकते हुए कदमों में छाले लिए हुए,, कुछ जुस्तजू के लिए, कुछ आरजू के लिए, कोशिशें तमाम करते रहें,, आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी ख्वाहिशों को दफना रही थी,, हम कब्र में पड़े फूलों से दिल बहलाते रहे ऐसा नहीं है कि दर्द ने काबिले जहां बना दिया,, हम जहर को भी हंसते-हंसते पी रहे हैं,, परवाने समा में जल गए फंसाने छोड़ गए, मिट के वो पा गय जो जीते जी ना पा सके,,, "एक आरजू थी गली की तेरी,, #realityoflife #voice_of_heart #lovespirituality #yqdidi