आँख़ों के लफ्ज़, ज़ुल्फ़ का झरना, लबों के चाँद, फिर फ़ूलों का झड़ना, नदियों का गुनगुनाना, मेघो की ख़ूबसूरती, प्रकृति का मुस्कुराना, उन झीलों का लहराना, इस खुबसूरत दुनिया का यह गहना है पुराना ।। --- ABHAY BHARTI --- आँख़ों के लफ्ज़, ज़ुल्फ़ का झरना, लबों के चाँद, फिर फ़ूलों का झड़ना, नलियों का गुनगुनाना, मेघो की ख़ूबसूरती, प्रकृति का मुस्कुराना, उन झीलों का लहराना, इस खुबसूरत दुनिया का यह गहना है पुराना ।।