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तुम आयी हो, आने की तेरे, खबरी हवा के झोंके से हृदय

तुम आयी हो,
आने की तेरे, खबरी हवा के झोंके से
हृदय के ताल पर अक्श तेरा, फैलकर हुआ विकीर्ण 
- सबकुछ धुंधला।
बीते सालों की परछाईयाँ, तेरे शक्लोसूरत की - 
आड़ी तिरछी, एक-दूसरे को काटती,
बस काटती ही जाती, बेतहाशा.. 
सादा कोई पन्ने पर, ज्यों
कलम उठाकर बिला वजह, बेमन खींचते ही जाना... 
सिरफ लकीरें।

#tum_aayee_ho @manas_pratyay #tum_aayee_ho © Ratan Kumar

#Hopeless
तुम आयी हो,
आने की तेरे, खबरी हवा के झोंके से
हृदय के ताल पर अक्श तेरा, फैलकर हुआ विकीर्ण 
- सबकुछ धुंधला।
बीते सालों की परछाईयाँ, तेरे शक्लोसूरत की - 
आड़ी तिरछी, एक-दूसरे को काटती,
बस काटती ही जाती, बेतहाशा.. 
सादा कोई पन्ने पर, ज्यों
कलम उठाकर बिला वजह, बेमन खींचते ही जाना... 
सिरफ लकीरें।

#tum_aayee_ho @manas_pratyay #tum_aayee_ho © Ratan Kumar

#Hopeless