(यादें कुछ मिट्ठी सी कुछ खट्टी सी) होगा मन बेचैन तेरा भी मगर कुछ कर नहीं पाओगे ऐ मुसाफ़िर। ये दुनिया एक रेन बसेरा है सबका यहाँ तुम बिन मोहब्बत रह नहीं पाओगे। यादें आएगी हर पल उसकी मगर अपनी आँखों से आंसू तुम रोक नहीं पाओगे। आँखें भी चाहेगी दिदार उसका करना मगर किसी जिम्मेदारी के कारण उससे मिल तुम नहीं पाओगे। दर्द का एहसास तुम्हें भी होगा एक पल उससे दूर जाने का मगर उसके साथ के बगैर तुम रह नहीं पाओगे। अपनेपन का एहसास दिलाकर, घर पर चाय पिलाकर भूल तुम भी हमें नहीं पाओगे। इतना धैर्य ओर सब्र तुम रख नहीं पाओगे वचन कि यादों के बगैर रह तुम नहीं पाओगे। Good&Positive Positivewriter ©Vachan Verma #khat #NojotoWritingPrompt #Good_Positive #Positivewriter #positivelove #hindipoetry #goodpositivevibes