एक फौजी की बहन की गुजारिश बहुत से ऐसे हाथ है,जो सूने रह गए ना छुट्टी मंजूर होगी,बड़े अफसर आकर कह गए ना बहन जा पाएगी बॉर्डर पर, अपने भाई के पास दीवाली पे आ जाएंगे, बैठी लगाकर आस ना तिलक लगा पाई , मैं अपने हाथों से तस्वीर पर बांधी राखी, मुंह मीठा कर लिया भाई की बातों से फोन पे करके बातें मैंने मुख को धोया है फौजी भाई फोन काट कर बहुत रोया है गुज़ारिश है सरकार से कुछ ऐसा इंतजाम करदो या भाईयों को बारी बारी घर भेेज दो राखी बंधवाने के लिए या खुद जाके राखी बांधने की बहनों को इजाजत दे दो foji ki behan #rakshabandhan