Nojoto: Largest Storytelling Platform

सावन आया। मनभावन आया। मिलकर सब झूला झूलें। नील गगन

सावन आया।
मनभावन आया।
मिलकर सब झूला झूलें।
नील गगन को छू लें।
पींगे खूब बढ़ाएं ।
आकाश को चूम आएं।
कल फिर न आएगा मनभावन सावन।
अतीत की यादों में खो जाएंगे दिल को बहुत रूलााएगा बीता सुन्दर सावन।
कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव
 #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मनभावन सावन।
सावन आया।
मनभावन आया।
मिलकर सब झूला झूलें।
नील गगन को छू लें।
पींगे खूब बढ़ाएं ।
आकाश को चूम आएं।
कल फिर न आएगा मनभावन सावन।
अतीत की यादों में खो जाएंगे दिल को बहुत रूलााएगा बीता सुन्दर सावन।
कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव
 #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मनभावन सावन।