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*शीर्षक: "सूखे में बरसात" (दृश्य पाठ)* घटा बनी, घ

*शीर्षक: "सूखे में बरसात" (दृश्य पाठ)*

घटा बनी, घन बरस पड़े, बरसी बूंदें जब मेघ लड़े । 
मोद मनी तरु झूम उठे,  झूमी धरती बिजली भी तडे ।।

करे शनै शनै मारूत लहरें, और मोर पपीहों की बहरें ।
कल कल बहती सरिता धारा, गिरा ताप हुआ नीचा पारा ।।

सौंधी सी धरा भी महक उठी, दादुर जी ने भी खोली मुट्ठी ।
प्रकृति का खेल मधुर ये चला, कृषकों का मन भी हुआ भला ।।

सूखे को नम एहसास हुआ, बंजर में फिर उल्लास हुआ ।
मेघों का अति उपकार हुआ, जो नीर तीर से वार हुआ ।।

फसलों की रोपी लगने लगी, नदियों से नहरें कटने लगी ।
प्यास बुझी प्यासी थी धरा, जो सूख चुका पोखर वो भरा ।।

जन जन से सुख पुनः जुड़ा, जब परे हटा सूखा ये बुरा । 
दृश्य पाठ मैने ये लिखा, जब सूखे में बरसा बदरा ।।

*~अनुराग तिवारी (@anurag_stunning)*

©Anurag Stunning #raining #rain #barish #Barish🌧 #Barsaat #AnuragTiwari #anuragstunning #Hindi #sukhemebarsat 

#Flower  Sonu Kumar AMARDEEP KUMAR RAUSHAN Karu Bamniyam Vishal Verma Dalaram Dalaram
*शीर्षक: "सूखे में बरसात" (दृश्य पाठ)*

घटा बनी, घन बरस पड़े, बरसी बूंदें जब मेघ लड़े । 
मोद मनी तरु झूम उठे,  झूमी धरती बिजली भी तडे ।।

करे शनै शनै मारूत लहरें, और मोर पपीहों की बहरें ।
कल कल बहती सरिता धारा, गिरा ताप हुआ नीचा पारा ।।

सौंधी सी धरा भी महक उठी, दादुर जी ने भी खोली मुट्ठी ।
प्रकृति का खेल मधुर ये चला, कृषकों का मन भी हुआ भला ।।

सूखे को नम एहसास हुआ, बंजर में फिर उल्लास हुआ ।
मेघों का अति उपकार हुआ, जो नीर तीर से वार हुआ ।।

फसलों की रोपी लगने लगी, नदियों से नहरें कटने लगी ।
प्यास बुझी प्यासी थी धरा, जो सूख चुका पोखर वो भरा ।।

जन जन से सुख पुनः जुड़ा, जब परे हटा सूखा ये बुरा । 
दृश्य पाठ मैने ये लिखा, जब सूखे में बरसा बदरा ।।

*~अनुराग तिवारी (@anurag_stunning)*

©Anurag Stunning #raining #rain #barish #Barish🌧 #Barsaat #AnuragTiwari #anuragstunning #Hindi #sukhemebarsat 

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