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White मूक बधिर होकर मत बैठो, सत्ताएं हो गईं निरंकु

White मूक बधिर होकर मत बैठो, सत्ताएं हो गईं निरंकुश।

पेपर लीक हुए जाते हैं, सत्ता बिल्कुल अंधी है।


शाशन और प्रशाशन हमको, दोनों मिलकर लूट रहे।

महगाई भी आसमान पर, कैसी अंधा धुंधी है।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #VoteForIndia 
#कविता_संगम
White मूक बधिर होकर मत बैठो, सत्ताएं हो गईं निरंकुश।

पेपर लीक हुए जाते हैं, सत्ता बिल्कुल अंधी है।


शाशन और प्रशाशन हमको, दोनों मिलकर लूट रहे।

महगाई भी आसमान पर, कैसी अंधा धुंधी है।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #VoteForIndia 
#कविता_संगम