जब तक हम छोटे रहते हैं, मन साफ होता है, हम पढ़ना शुरू करते हैं, लिखना भी शुरु करते हैं, चरित्र अच्छा रहता है, मन कोमल रहता है, धीरे-धीरे प्रसिद्धि मिलने लगती है, हम अहंकारी होने लगते हैं, चरित्र बिगड़ने लगता है, मानव मानव नहीं रह जाता, कीड़े मकौड़े सा समझने लगते हैं, धीरे-धीरे बूढ़े होने लगते हैं, अपनी मूर्खता पर पछतावा होता है, आखिर कब्र का सहारा ही होता है। ज़िन्दगी मौत का सफर चलता रहता है, मानव भगवान नहीं हो सकता, कुछ भी कर ले, मानव मानव ही रहता है, खाली हाथ आ के खाली हाथ ही चला जाता है। #कब्र #चरित्र #प्रसिद्धि #मूर्खता #अहंकारी #कीड़े_मकौड़े #yqhindi #bestyqhindiquotes