चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों हर बार की तरह इस बार भी बीच रात को नींद टूट गई। आजकल ऐसा होता है तो अगले दिन ऑफिस के बहाने से जैसे तैसे खुद को मना लेता हूं सोने की कोशिश करने को। पर कल तो रविवार है। चलो, उठ के एक सिगरेट ही जला लेते है। हाल ही में एक "कारवां" खरीदा था, पर कभी इस्तेमाल नहीं किया उसे। सोचा इसका उद्घाटन भी आज ही कर लेते है। सिगरेट का डब्बा, और एक बोटल पानी लेकर बालकनी में बैठ गया। और बैठते साथ ही समझ गया कि आज तुमसे नहीं भाग पाऊंगा। अच्छी बात है कि ऑफिस थोड़ा हेक्टिक है, घर वापस आते आते बहुत थक जाते है। तो तुमसे