ये क्या हुआ जो बिछड़ने चले तुम थोड़ी बहस सी हुई झगड़ने चले तुम मोहब्बत फकत तुझसे ही है मान ले किसी और को न दी जगह ये जान ले हर खुशी तू तुझपे निसार जहां भी मेरा मेरा तो मै भी नहीं जो हूं भी तो फकत तेरा खुले आसमां में सैर करना खता तो नहीं है आओ फिर गले मिले क्यूं रूठ जाए वजह तो नहीं है आ फिर से एक होकर दुनिया बसा ले तू कहे तो एक अलग उपवन बना ले कोई कशिश बाकी नहीं रागिनी में तू जो कहे तो फिर से तुझे चांद की चांदनी बना ले #followme #sharelikecomments