सजल ~~~~ बह गई बदन से साँसें पानी सी। रह गई प्यास अधूरी कहानी सी।। उलझनों को सुलझाते रहे पूरा। फिर भी आती रही अनजानी सी।। होश खोते रहे जोश ही जोश में। सुलगी रह गई चाहें जवानी सी।। दबी रह गई लगी आग सीने में। गुजर गई जवानी लौ सहानी सी। करते रहे हरदम कही अपनों की। और बुनते गए उनको तानी सी।। कहा अपने लिए कुछ करने को तो। होती रही सदा आनाकानी सी।। सुनी नहीं मन की सबने जीवन भर। अंत समय हुई बड़ी अगवानी सी।। #सजल #जिंदगी #जिंदगी_का_सफर #जिंदगी_एक_फ़लसफा #कोराकाग़ज़ #glal #yqdidi