White निहित तूझी में रंग है सारे , सात सुरों कि तू परिभाषा है। अचल रहे तेरी शोभा जग में, भारत के कण कण की ये आशा है। उस उगते सूर्य की भाँति हमको , नई उम्मीद का पाठ सुनाती है। ढलना है नियती कुदरत की भी , गिरकर चलना भी सिखलाती है। आख़िर कैसी हया और कैसी लज्जा ? जब तुझसे ही जुड़ी पहचान है। है नतमस्तक विश्व नमन को , अब तेरी गरिमा जाने जहान है। है विश्व पटल पर व्याख्या तेरी, ऐ हिन्दी हिंद की तू अभिमान है। ©Ritika Vijay Shrivastava #hindi_diwas poetry on love poetry in hindi Hinduism hindi poetry on life poetry lovers poetry in hindi Hinduism poetry hindi poetry on life love poetry in hindi