डूब जाणे से पहले संभल जाती... तुफान मे कभी ऐसे ना फसती... हवावोसें लहरो का पता पुछलेती... किनारों से बीच समंदर कभी ना जाती... ©Aarya Rathod # कश्ती#हिंदी कविता#