चाहत क्या तुम्हीं मेरी जिंदगी हो क्या तुम ही बदलोगी मेरा नसीब जिसकी फ़र्दों पर लिखी जा चुकी हैं न मालूम कितनी ही अधूरी कहानियां क्या कर सकोगी इन्हें पूरा मैं तो छोड़ चुका था सारी उम्मीदें परन्तु तुम्हें पाने की चाहत में पुनः बलवती हो उठी है यह भावना चाहे मैं अधूरा सही परंतु तुम्हें पाकर यह अधूरापन पूरेपन में बदल जायेगा और जिसकी चाह में जीने के लिये धड़कने लगा दिल वो मुझसे मिल जाएगा। ©Gyanendra Kumar Pandey #kukku2004 #Nojoto #nojotohindi #Life Author Munesh sharma 'Nirjhara'