"ये जो तेरा गुरूर है जाने क्यों, "मुझे इसका ही सुरूर है। "ये जो तुम्हारा सीधे-सीधे मुंह, "फेर के चले जाना क्यों अखरा है,मुझे,, "पल पल तुम्हारा ही क्यों इंतजार रहता । "क्यों एक पल निगाहें मेरी ओर मुड़ने के लिए तलबगार, रहती है। "कहीं ना कहीं तुम्हारी धड़कन, 'भी बेकरार रहती है। "मालूम है हमें दिखाते हो, "तुम अपना इतराना, "देखते हो तुम भी मेरा चुपके से शर्माना,, "धड़कन भी थम सी जाती है। "जब तुम्हारा सामने से गुज़रना,, "कहीं ना कहीं तुमको भी दबे, "लफ्जों में इजहार रहता है। यह मेरी इस पिक को देखकर विचार है इसका वास्तविकता से कोई लेन-देन नहीं है कविता बनाने की सूझी तो बना दिया इस बार पुरुषों की प्रशंसा की है। हमेशा शिकायत रहती है। लोगों को कि मैं पुरुषों को कठोर बोलती हूं। इस बार उनके एक और रूप से रूबरू कराया है #yqdidi #yqman #manpower #strength #lovequote