#OpenPoetry आज भी क्या लबों की प्यास बाकी है।।सच कहते हो तो मैं मान लूं प्यार बाकी है।।इक कतरा शबनम दे पूछा अब भी प्यास बाकी है।। मैं कहती हूं,हमको तो दरिया की दरकार ए साकी है।। Saki...Saki..#@,nu.