मैं दिन में कई बार बाल #संवारती हूंँ..., कभी जुड़ा बनाती हूं, कभी खुले छोड़ देती हूं, कभी यूं ही कुछ.... पर जितनी बार भी मेरी अंगुलियों में बालों में उलझती है, बस, #जान आपकी उंगलियों का #एहसास खोजती हूं.. आपका मेरे बालों को पकड़ना और एकदम से अपने करीब खींचना #उफ्फफफ ... उन #पलों को जीने की #ख्वाहिश मैं भी रखती हूंँ #जान..❤️❤️ #मुकम्मलख्वाब ©Namita Chauhan #wetogether