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काश लफ्ज़ों में इतनी ताक़त होती, मैं झूठों को कहता

काश लफ्ज़ों में इतनी ताक़त होती,
मैं झूठों को कहता और वो मेरी होती।
मैं नही कहता के तू मेरे साथ आंसू बहा,
मगर तू मेरी खुशी में तो शामिल होती।

©Azhar Azad Khan
  #संगदिल सनम💔