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बयार कभी कयाम नहीं लेती , जहाँ -जहाँ से गुजरी कुछ

बयार कभी कयाम नहीं लेती ,
जहाँ -जहाँ से गुजरी कुछ न कुछ बिखेर ही देती...

कभी सर्द तो कभी गर्म ,
मौसम ऋतु - ऋतु में बदलती रहती....

कभी तेज़ तो कभी धीमी ,
अपने संग ये परिंदों को भी मशगुल रखती .....

कभी ज़मी पर गिरे पत्ते तो कभी मिट्टी को ,
उड़ा कर अपने संग ले जाती ......

कहीं रह जाता ख़ालीपन ,तो
क.हीं कचरे का ढ़ेर कर देती.......

बयार कभी कयाम नहीं लेती

©Pinki
  हवा (बयार )
rahulrahul7008

Pinki

Bronze Star
New Creator
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हवा (बयार ) #शायरी

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