इक सुनहरी , शाम को तलाशते । थकन से दूर, सुकूं के रास्ते । खुद ही से मिलें , खुद ही के वास्ते । इक सुनहरी , शाम को तलाशते । ©Mureed Maninder इक सुनहरी , शाम को तलाशते । थकन से दूर, सुकूं के रास्ते । खुद ही से मिलें , खुद ही के वास्ते ।