Triple तलाक पर एक शेर हुआ है यूॅ - तलाक-ए- विद्दत की शब नही है जो पहले होता था अब नही है मुझे भरोसा था हद से ज्यादा कि इतना जालिम भी रब नही है । @ दिनेश पाण्डेय दिनकर Triple talaak