सोया था एक रात मैं आदम मोहब्बत के नर्म बिस्तर पर अपनी दिल-अज़ीज़ इंसानियत के साथ मज़हब के नर्म तकिये तले कुछ ख्वाबों के मोती भी बटोरे थे ख्वाब में अचानक हुई दस्तक राजनीति मेरे गले में बाहें डाले बैठी थी उधार के कुछ जवाहरात थे दूजी ओर एक खुनी तलवार लटकी थी उठा मैं सहम कर, डर कर देखा तो बिस्तर खाली था और उनका तकिया गीला था आंसुओं से, मेरी बेवफाई ने शायद रुला दिया था तभी एक काली आंधी ने, उम्मीदों के दीये बुझा दिये, बिस्तर पर बिछा दिये कांटे नफरत में तकिये जला दिये, हैरान हो मैं ढूँढा अपनी महबूब को कातिल अंधेरों में, तभी कोने से चीखती मेरी दिल-अज़ीज़ इंसानियत की आवाज़ आई…… तलाक़ – तलाक़ – तलाक़ #NojotoQuote Talaaq #talaaq #rajneeti #mohabbat