वजह तो बहुत थे मिले करने की तुमसे शिकवे गीले हम बता भी देते तुम्हे। मगर लफ्ज़ थे कुछ सिले सिले। जज्बातों का एक दरिया बहाया तो था मगर तुम समझे ही नही अपने एहसासों को जरिया बनाया तो था। तुमने कोशिश ना कि समझने की। जब हार गए कोशिशों से हम हमने जाना बेहतर समझा तुमसे दूर कहीं। बात यही खत्म कर दो झगड़े की बातो बातो में ना हो जाये मशहूर कहीं। #newwritersclub #yqdost #diarypages #YourQuoteAndMine Collaborating with Muskan Ms #santosh_bhatt_sonu