मीलों पदयात्रा कर पैरों में छाले पड़ गए। न जाने कितनों की रोजी-रोटी छिन गई। जाने कितने घर टूट गए और वे बेघर हो गए। बुरे वक्त ने अच्छे और बुरे की पहचान करा दी। जो अपना कहते थे खुद को वह गैर हो गए। जिन्होंने आगे बढ़के मदद कर दी वे खुदा हो गए। Sanju Tripathi -"Ek Soch" #Sanjaysheoran #ritiksheoran #साहित्यिक सहायक #पदयात्रा