ऐसा नहीं था कि मैंने कोशिश नहीं की,ऐसा नहीं था के मेरी मोहब्बत में कोई कमी थी,मैंने दुआ भी मांगी और भीख भी मैंने सजदे भी किए आंसू भी बहाए और हाथ भी जोड़े दोस्त भी बदले और सोच भी और सबसे बढ़कर मैंने उसकी खातिर खुद को ही बदल डाला मैंने मिन्नत भी की और गुस्सा भी जो कर सकती थी उसे रोकने के लिए किया,मैंने उसे वो वादें भी याद दिलाए जो उसने मुझसे किए थे मगर जिसको जाना होता है वो चला ही जाता है, लफ़्ज़ों की लाज कहा रखता है ये मिन्नत ये दुआए सब बेकार जाती है,आज इस मुकाम पर हूं ना उसकी जरुरत है और ना जीने कि तमन्ना मुझे आज भी याद है उसका चले जाना मुझे छोड़कर और आज के दौर में ऐसी मोहब्बत कौन करता है कि कोई किसी 😕😕के मोहब्बत की भीख मांगे 😢😢 💔💔💔💔 #दर्द