जिस दिन से मेरी उंगलियाँ तुम्हारी उंगलियों से बिझड़ी हैं उस दिन से मेरी आँखों को सुबह का सुरज खलता है तेरे बाद से जान मेरी रात का अंधेरा ही अच्छा लगता है ख़ुदा से हर इक पल ये ही दुआ मांगती हूँ ज़िन्दगी भर ना सही कुछ पल ही दीदार करा दे अगर ये भी नहीं हो सकता तो कम से कम उसकी आवाज़ ही सुनवा दे तो कम से कम उसकी आवाज़ ही सुनवा दे #sanamraj #sanamraj03 #sanamraj04 #sanamraj05