सत्यार्थ सतही स्थिति मे रहते है मैं और मेरे सपने, कल्पनामयी महल को त्याग,लगते मुझे मेरे अपने, लक्षित हूँ, प्रयासरत हूँ, हासिल मुझे मुक़ाम होगा, कर्मफल मिलता है, आज नही तो कल जरूर होगा। 🌝प्रतियोगिता-90 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मैं और मेरे सपनें"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I