तुम्हारी आंखें है ये, या जाम है कोई इनके नशे में गुजरती शाम है कोई मेरे अंदर रावण है, ये तो बता दिया तुम्हारे अंदर इंसान है या राम है कोई सब खरीदने को कीमत पूछ ही लेते है के मुफ्त ही बिकते हो या दाम है कोई शक्सियत पर सवाल उठा कर पूछते हो गुमनाम हो या तुम्हारा भी नाम है कोई तुम तो खुद को बर्बाद बताते फिरते हो क्या तुमने कभी लिखा कलाम है कोई @अभिनव #Barbad_Shayar #Night