हर सुबहा सूरज को जिसने, जगने से पहले हरा दिया, माटी के उस जादूगर को, सरकारों ने फिर रुला दिया । खुद से पहले रखा जिसने, फसलों के इक इक दाने को, घनघोर हवा, ठंडी लहरों के, बीच सड़क पे बिठा दिया ।। ©Abhishek Dwivedi #farmersprotest #abhisheksrijan #KVpoetry #GovtOfIndia