आज समझ आया..तुम क्यों कहा करते थे कि सो जाओ आज नींद सी उड़ी है और आदत सी बनी है जागने की आज फिर दिल तुम्हे इन निंदो में बुलाने को तरस रहा है...और नींद है जो ना आने की कसम कहा रखा है हो सके तो फिर सुला दो अपनी बातों से मुझे अब लौट आओ ना जाओ छोड़ के मुझे।। Rain and wind Dono eksth