सजल ~~~~~ नशा हूँ नशा हूँ रग रग में सभी की बसा हूँ। पड़कर गले मीठा जहर हो सभी को डसा हूँ।। उतकर तन में मन में तन्मय किया है सभी को। लोगों में उनके ही ढंगों से हुआ बसा हूँ।। चढ़ा तो उतरा नहीं हूँ जीवन भर मरने तक। सुभाव से हरदम ही रहा बनकर लसलसा हूँ।। काम क्रोध मद लोभ माया हैं मद रूप मेरे। बनकर वृत्ति सभी के भाग को निशिदिन डसा हूँ।। लिया नहीं सबक तो हुआ रोग हूँ बड़ा सबसे। करके उन्मत्त सब को कसौटियों को कसा हूँ।। #सजल #नशा #नशाज़िन्दगीका #रंगनशेका #जिंदगी #कोराकाग़ज़ #glal #yqdidi