यादों कि तिजारत का सिलसिला रहता है इक शख्स मुझ में हर रोज लापता रहता है वो इशारों में अपना है पर हकीकत में गैर है उसके चेहरे पे नकाब सा इक परदा रहता है मैं गुज़र रहा हूँ उस रास्ते से जो ख्वाब था तेरा मेरी जेबों में रकीब मेरा हौंसला रहता है मैखानों की खोज कभी करता नहीं मैं रिंद के पास अक्सर अपना मय-कदा रहता है करता हूँ रोज तुझे भूलने की जुर्रत पर दिसम्बर में तेरी यादों का दबदबा रहता है मैं खोया हूँ तुझमें तू ही है मेरी दुनिया और लोग कहते हैं वो पहाड़ों में तनहा रहता है बर्बाद होने से पहले आखरी कोशिश जरूर करना राख में भी जल जाने का हसीं मौका रहता है.. ©KaushalAlmora #दिसम्बरwithkaushalalmora #रहता_है #yqdidi #yqbaba #मौका #poetry #shayari #love