किताबों में उलझे रहे ज्ञान विज्ञान सब मिलता रहा हम आगे ही आगे बढ़ते रहे घर से दूर नौकरी की तलाश में वो भी तो घर जैसा ही था अपना वो हॉस्टल जिसमें सब यार साथ रहते साथ पढ़ते साथ साथ आने वाले कल के सुंदर सपने बुनते गुजरते वक़्त के साथ सब पीछे छूट गया है हाथों से फिसल गया है रेत के मानिंद वो दोस्त, वो कैंपस, वो मस्ती...! एक टीस हमेशा रहती है। ऐसा क्या खो गया है अपना? #खोदिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi