यूँ बारम्बार की थी मश्क़ हमनें उनसे मोहब्बत-ए-इश्क़ पत्थर दिल उस बेदर्द को न दिखे मेरे चश्म-ए-अश्क़।। मश्क़:-practice, अभ्यास #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #मश्क़ #yqbaba #yqdidi