कहना हो किसी से कई सारे किस्से । पर सुनने वाला कोई मकान ना रह जाये ।। तो समझ लेना खुद के मुजरिम हो तुम.. दिल के मुजरिम हो तुम ।। ✒️राज सिद्धि #kud_ke_mujrim_ho_tum.