हे भगवन तेरी लीला भी अजीब निराली है पर इस दुनिया में कहीं धूप कहीं हरियाली है जो भी है वो सब ठीक है जरा पलट के एक बार तो देख ऐ कातिल हवाओं ने सारे जग को महामारी कहवा दिया जय श्रीगणेश कहवान