आज फिर मन करता है कि बच्ची बन जाऊं, आँखों में अपनी भर के कुतूहल दुनिया की सैर कर आऊं! रख दू अपनी सारी परेशानिया एक ओर, और आज फिर उन दोस्तों के साथ पकड़ दाव खेल आऊं! लैपटॉप की जगह फिर से पेंसिल पकड़ लूँ, माँ का टिफन आज फिर दोस्तोके साथ बाँट लूँ! फिर सोचती हूं कि अगर उस वक़्त मैं लौट जाना मुमकिन नहीं, आज फिर अपने ज़हन में बचपन की निर्दोषता सजालूँ! उन दोस्तों से या पाठशाला से रूबरू मुलाकात जो मुमकिन ना हो तो, आज फिर यादों की गलियों की सफर कर आऊं! आज फिर मन करता है कि बच्ची बन जाऊं! #happychildrenday #yqbaba #yqquotes #yqdidi #yqdiary