झूठ का चेहरा भी ना कितना अजीब होता है होता है दूर वही सबसे जो दिल के करीब होता है "झूठ की पकड़" में कैसे गुम हुए सब बैठे हैं सच भी देखो ना कितना बदनसीब होता है चेहरे पर चेहरे लगा लोग गले मिलते हैं दोस्त बनता है जो अपना रक़ीब होता है...$$!! 🎀 Challenge-237 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 10 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।