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पीठ पर खंज़र दागे लोगो ने, फिर भी साजिशें कम न हई,

पीठ पर खंज़र दागे लोगो ने, फिर भी साजिशें कम न हई,
मैं हर बार उठ खड़ा हुआ, मेरी कोशिशें कभी कम न हुई,

ज़ख्म दिया पहले , फिर कुरेदा उसे लोगो ने, 
पर मैं हस्ता रहा हमेशा , मेरी आँखें कभी  नम न हुई।

मुझे मेश्वरा देते रहे लोग, मुजे नीचा दिखाते रहे , 
पर मैं जैसा हु खुश हूं, मुझे गम न कोई ।

अगर सोचते हो हरा दोगे मुझे , मैं टूट जाऊंगा, 
तो सुन लो, रखना ऐसा ज़ेहन में वहम न कोई । #kuchGehralikhnekikoshish
पीठ पर खंज़र दागे लोगो ने, फिर भी साजिशें कम न हई,
मैं हर बार उठ खड़ा हुआ, मेरी कोशिशें कभी कम न हुई,

ज़ख्म दिया पहले , फिर कुरेदा उसे लोगो ने, 
पर मैं हस्ता रहा हमेशा , मेरी आँखें कभी  नम न हुई।

मुझे मेश्वरा देते रहे लोग, मुजे नीचा दिखाते रहे , 
पर मैं जैसा हु खुश हूं, मुझे गम न कोई ।

अगर सोचते हो हरा दोगे मुझे , मैं टूट जाऊंगा, 
तो सुन लो, रखना ऐसा ज़ेहन में वहम न कोई । #kuchGehralikhnekikoshish