मैं हर घर पहुँचा मैं हर मन में पहुँचा।। मैं अविरल विचार था। जो हर हृदय में पहुँचा।। मैं गंगा के प्रवाह सा। वेगवान वायु सा।। उड़ते हारिल सा। पतित पावन विचार था।। मैं राम नाम था। मैं भारत का संस्कार था।। शांति का दूत था। प्रेम का पूत था।। योद्धा का शस्त्र था। ज्ञान का शास्त्र था।। मैं हर घर पहुँचा । मैं अविरल विचार था।। #hindu#nojotovoice#nojotohindi#indianculture