वो परछाई है मेरी, मीठी सी मुस्कान है, कहने को कोई दूसरा, पर मेरी पहचान है।। ज़िन्दगी के गमो में, रहता साथ मेरे, घरवालो के तानो , पर लगाता वो पेहेरे।। दिखने में तगड़ा, पर हारता हर शाम है, वो परछाई है मेरी, मीठी सी मुस्कान है।। #munasif_e_mirza #munasif_life #munasifyq